अफ्रीकी संघ (African Union) ने “Correct The Map” अभियान का समर्थन किया, जिसमें 16वीं शताब्दी के Mercator प्रोजेक्शन को छोड़कर Equal Earth जैसे अधिक सटीक मानचित्र अपनाने की मांग की गई है। मर्केटर प्रोजेक्शन (Gerardus Mercator, 1569) में ध्रुवों के नज़दीकी क्षेत्र बेहद बड़े और भूमध्य रेखा वाले क्षेत्र बहुत छोटे दिखाई देते हैं। उदाहरण के लिए रूस नक्शे में अफ्रीका से बड़ा लगता है, जबकि हकीकत में अफ्रीका लगभग दोगुना बड़ा है। ग्रीनलैंड नक्शे में अफ्रीका जितना बड़ा दिखता है, जबकि वास्तव में अफ्रीका उससे 14 गुना बड़ा है। पश्चिमी देशों (यूरोप, उत्तरी अमेरिका) को नक्शे में असली आकार से बड़ा और अफ्रीका व लैटिन अमेरिका को छोटा दिखाया गया। इसका असर यह हुआ कि अफ्रीका महाद्वीप को दुनिया में “कमज़ोर और महत्वहीन” बताने वाली धारणाएं मजबूत हुईं। यही कारण है कि कई विशेषज्ञ इस नक्शे को “पक्षपाती और साम्राज्यवादी विचारों का प्रतीक” मानते हैं।