भारत के लिए वायु प्रदूषण अब सबसे गंभीर स्वास्थ्य संकट के रूप में सामने आया है। एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स (AQLI) 2025 रिपोर्ट के अनुसार, प्रदूषित हवा ने देशवासियों की औसत आयु में 3.5 वर्ष की कमी कर दी है। यह आंकड़ा न सिर्फ पर्यावरणीय संकट को दर्शाता है, बल्कि आने वाले समय में स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और जीवन की गुणवत्ता पर इसके गहरे प्रभावों की चेतावनी भी देता है। यह सूचकांक वायु प्रदूषण (particulate air pollution) के जीवन प्रत्याशा (life expectancy) पर प्रभाव को मापता है। उत्तरी भारत का क्षेत्र अभी भी सबसे प्रदूषित है, यहाँ 544.4 मिलियन लोग (38.9%) गंभीर प्रदूषण के अधीन हैं। Delhi-NCR में जीवन प्रत्याशा में 8.2 साल की कमी, बिहार में 5.6 साल की कमी, हरियाणा में 5.3 साल की कमी और उत्तर प्रदेश में 5 साल की कमी आई है।