मोहाली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी (INST) के शोधकर्ताओं ने एक नैनो-टेक्नोलॉजी आधारित बायोसेंसर विकसित किया है, जो पार्किंसन रोग (Parkinson’s Disease) का पता उसके लक्षण दिखाई देने से पहले ही लगा सकता है। पार्किंसन रोग एक प्रगतिशील न्यूरो डीजेनेरेटिव विकार है, जो मुख्य रूप से गति और शरीर के नियंत्रण (movement & motor control) को प्रभावित करता है। यह रोग मस्तिष्क में डोपामिन बनाने वाली कोशिकाओं के नष्ट होने से होता है। इसका संबंध α-synuclein प्रोटीन के असामान्य रूप से मुड़ने और इकट्ठा होने (misfolding & aggregation) से है। यह प्रोटीन मस्तिष्क में विषैले गुच्छे (toxic clumps) बना देता है, जिससे न्यूरॉन्स को नुकसान पहुंचता है। इसके प्रमुख लक्षण हैं – कंपकंपी, मांसपेशियों में कठोरता, गति में धीमापन, और असंतुलन ।