प्लास्टिक प्रदूषण संधि (Plastic Pollution Treaty)

वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए प्रस्तावित ऐतिहासिक संधि पर सहमति बनाने के प्रयास शुक्रवार को विफल हो गए। संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा कार्यालय में 185 देशों के वार्ताकार 11 दिनों तक लगातार चर्चा में जुटे रहे और गुरुवार की समय सीमा से आगे बढ़ते हुए पूरी रात वार्ता चली, लेकिन कोई आम सहमति नहीं बन पाई। मतभेद का मुख्य कारण यह था कि कुछ देश प्लास्टिक उत्पादन को सीमित करने जैसे ठोस और साहसिक कदम उठाने के पक्ष में थे, जबकि तेल-उत्पादक देश केवल कचरा प्रबंधन पर केंद्रित सीमित दृष्टिकोण अपनाने की वकालत कर रहे थे। इस लंबे संवाद में प्लास्टिक प्रदूषण के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई, लेकिन गहरे मतभेद के चलते संधि पर मुहर नहीं लग सकी। रिपोर्ट के अनुसार, वार्ताकार किसी समझौते पर नहीं पहुंच सके क्योंकि मुख्य विवाद इस बात पर बना रहा कि संधि के बाद प्लास्टिक उत्पादन में हो रही तेज़ वृद्धि को नियंत्रित किया जाए या नहीं। प्लास्टिक निर्माण में प्रयुक्त विषैले रसायनों पर वैश्विक स्तर पर प्रतिबंध लगाने और प्लास्टिक प्रदूषण पर कानूनी रूप से बाध्यकारी नियंत्रण लागू करने के मुद्दों पर भी आम सहमति नहीं बन पाई।