IMF के आँकड़ों पर आधारित EY की नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्ष 2038 तक क्रय शक्ति समानता (PPP) के आधार पर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, जिसका अनुमानित GDP 34.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होगा। यह उपलब्धि भारत को वैश्विक विकास के प्रमुख प्रेरक के रूप में स्थापित करेगी और आने वाले दशकों में एक बड़ा आर्थिक छलांग साबित होगी। EY की रिपोर्ट के अनुसार चीन 2030 तक 42.2 ट्रिलियन डॉलर PPP के साथ अग्रणी रहेगा, लेकिन उसे वृद्ध होती आबादी और बढ़ते ऋण जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना है। अमेरिका मज़बूत अर्थव्यवस्था के बावजूद, इसका सार्वजनिक ऋण GDP के 120% से अधिक है और विकास दर अपेक्षाकृत धीमी है। जर्मनी और जापान तकनीकी रूप से उन्नत होने के बावजूद, वृद्ध आबादी और वैश्विक व्यापार पर निर्भरता इन्हें सीमित करती है।