प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में मुलाकात की। यह बैठक एशिया की दो बड़ी शक्तियों के बीच एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक संवाद रही, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और एससीओ ढांचे के तहत संवाद को मजबूत करने पर चर्चा हुई यह दोहराया कि वे “विकास सहयोगी” हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं; मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने मोदी ने राष्ट्रपति शी को भारत के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2026 में आमंत्रित किया। 2001 में उज़्बेकिस्तान के शामिल होने के बाद शंघाई फाइव का नाम बदलकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) रखा गया। शंघाई फाइव की स्थापना 1996 में चीन और सोवियत संघ के चार पूर्व गणराज्यों (कज़ाख़स्तान, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान) के बीच सीमा निर्धारण और निरस्त्रीकरण वार्ताओं से हुई। भारत 2017 में SCO का पूर्ण सदस्य बना।