एक विश्लेषण से पता चला है कि भारत में 31% सांसद (MPs) और 29% विधायक (MLAs) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। यह आँकड़ा राजनीतिक व्यवस्था में आपराधिक पृष्ठभूमि के बढ़ते प्रभाव को उजागर करता है और चुनावी सुधारों की आवश्यकता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। राजनीति का अपराधीकरण उस स्थिति को दर्शाता है जब आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति चुनावी राजनीति में भाग लेते हैं और निर्वाचित पदों पर पहुँच जाते हैं। कमज़ोर अयोग्यता कानून भारत की राजनीति में अपराधीकरण का मुख्य कारण है जिसमें प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 (RPA) केवल दोष सिद्ध होने के बाद उम्मीदवार को अयोग्य ठहराता है। चूँकि मुकदमों में वर्षों लग जाते हैं, इसलिए आपराधिक छवि वाले नेता कई चुनाव लड़ लेते हैं।