वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2025 ने भ्रामक जानकारी (Disinformation) को सबसे बड़ा अल्पकालिक वैश्विक खतरा बताया है। AI-जनित कंटेंट, एल्गोरिदमिक पूर्वाग्रह और सामाजिक विभाजन के कारण सच्चाई और झूठ के बीच अंतर करना कठिन हो रहा है। भारत में 900 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जिससे हेरफेर किए गए आख्यानों (manipulated narratives), मतदाता प्रभाव (voter influence) और आर्थिक अस्थिरता (economic disruptions) की आशंका बढ़ जाती है।