सऊदी अरब-पाकिस्तान ने NATO जैसी रक्षा संधि पर हस्ताक्षर किए

सऊदी अरब और परमाणु-सशस्त्र पाकिस्तान ने नाटो शैली में "एक पर हमला = दोनों पर हमला" नामक 'रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते' पर हस्ताक्षर किए है। दरअसल, इस समझौते का समय इज़राइल के लिए एक संकेत प्रतीत होता है, इजराइल ने अरब देशों में खतरे की घंटी बजा दी है, क्योंकि ईरान, लेबनान, सीरिया, यमन और अब क़तर में इज़राइली अभियान बढ़ रहे हैं। नाटो उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन या नाटो 4 अप्रैल, 1949 में गठित एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है। शीत युद्ध के दौरान नाटो ने सोवियत विस्तारवाद के विरुद्ध एक निवारक शक्ति के रूप में कार्य किया, जहाँ संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अपने यूरोपीय सहयोगियों को महत्त्वपूर्ण सैन्य सहायता प्रदान की गई। नाटो के मूल 12 संस्थापक सदस्यों में बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल थे। गठबंधन में वर्तमान में 32 सदस्य देश शामिल हैं।