अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को दिए जा रहे बेलआउट पैकेज के तहत 11 नई शर्तें लागू की हैं । इनमें बजट को संसद से मंजूरी दिलाना, कर सुधार (tax reforms) और ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव जैसे अहम बिंदु शामिल हैं। इन शर्तों ने पाकिस्तान की वित्तीय स्थिरता (fiscal stability) पर सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर भारत के साथ बढ़ते तनावों के बीच यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है। Left Swipe कर शर्तें पढ़ें >>
(IMF imposed 11 new conditions on Pakistan) IMF द्वारा पाकिस्तान पर लगाए गए 11 नए शर्तें
- ₹17.6 ट्रिलियन बजट की मंजूरी
- पाकिस्तान को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ₹17.6 ट्रिलियन का बजट IMF के लक्ष्यों के अनुरूप संसद से पारित कराना होगा।
- इसमें ₹1.07 ट्रिलियन विकास कार्यों के लिए, ₹8.7 ट्रिलियन खर्च के रूप में, ₹2.1 ट्रिलियन प्राथमिक अधिशेष और ₹6.6 ट्रिलियन का कुल घाटा शामिल होगा।
- कृषि आयकर सुधार
- कृषि क्षेत्र में कर बढ़ाने के लिए चार स्तरों पर कृषि आयकर कानून लागू करने होंगे।
- योजना में शामिल हैं:
- टैक्स रिटर्न प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म बनाना
- करदाताओं की पहचान व पंजीकरण
- जन जागरूकता अभियान
- अनुपालन सुधार योजना
- समाप्ति समयसीमा: जून 2025
- गवर्नेंस एक्शन प्लान: IMF की सिफारिशों पर आधारित एक शासन सुधार कार्ययोजना (Governance Action Plan) प्रकाशित करनी होगी।
- वास्तविक क्रय शक्ति बनाए रखना: मुद्रास्फीति के अनुसार नकद सहायता (cash transfer) राशि में सालाना वृद्धि सुनिश्चित करनी होगी, ताकि जनता की वास्तविक क्रय शक्ति बनी रहे।
- 2027 के बाद की वित्तीय क्षेत्र रणनीति: सरकार को 2028 के बाद के वित्तीय विनियामक ढांचे को उजागर करने वाली रणनीति प्रकाशित करनी होगी।
- बिजली दरों में सालाना संशोधन: 1 जुलाई 2025 तक वार्षिक बिजली टैरिफ में पुनर्गठन (rebasing) कर मूल्य वसूली सुनिश्चित करनी होगी।
- गैस टैरिफ का अर्धवार्षिक संशोधन: 15 फरवरी 2026 तक हर छह महीने में गैस टैरिफ संशोधन का नोटिफिकेशन जारी करना होगा ताकि लागत की वसूली सुनिश्चित की जा सके।
- कैप्टिव पावर लेवी का स्थायी कानून: मई 2025 तक संसद में कैप्टिव पावर लेवी अध्यादेश को स्थायी रूप देने वाला कानून पारित करना होगा, जिससे उद्योगों को राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ने की योजना को बल मिलेगा।
- डेब्ट सर्विस सरचार्ज की सीमा हटाना: ईमानदार उपभोक्ताओं पर बोझ न पड़े इसके लिए प्रति यूनिट ₹3.21 की अधिकतम सीमा हटाकर कर्ज सेवा शुल्क (debt service surcharge) के लिए नया कानून लाना होगा।
- स्पेशल टेक्नोलॉजी ज़ोन से छूट हटाना: 2035 तक विशेष प्रौद्योगिकी क्षेत्रों (Special Technology Zones) और औद्योगिक पार्कों को दी जा रही सभी छूटों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की योजना बनानी होगी।
- पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध सूची: पांच वर्ष से कम पुरानी उपयोग की गई कारों के आयात पर सभी मात्रात्मक प्रतिबंधों को सूचीबद्ध करने वाला बिल जुलाई 2025 के अंत तक पेश करना होगा।