राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रतिष्ठित कवि-गीतकार गुलज़ार और विद्वान-संत रामभद्राचार्य को 17 मई 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रदान किया। इस समारोह ने उन दो महान व्यक्तित्वों को सम्मानित किया, जिनकी रचनाओं ने भारतीय साहित्य को गहराई और व्यापकता प्रदान की — गुलज़ार ने अपनी भावनात्मक कविताओं (तुझसे नाराज़ नहीं ज़िंदगी, छैंया छैंया, हमको मन की शक्ति देना) और गीतों से, और रामभद्राचार्य ने संस्कृत-हिंदी रचनाओं (गीत रामायण, दशावतार चरितम् सहित चार संस्कृत महाकाव्य), शिक्षा व आध्यात्मिक साहित्य के माध्यम से।