जन्म के समय लिंगानुपात 918 (2014-15) से बढ़कर 930 (2023-24) हो गया इस प्रगति का श्रेय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को जाता है। यह योजना घटते बाल लिंगानुपात को संबोधित करने के लिए 2015 में शुरू की गई थी यह बालिका सशक्तीकरण के प्रति मानसिकता और व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देती है। 2014-15 से लड़कियों का माध्यमिक विद्यालय में नामांकन 75% से बढ़कर 78% हो गया है।