रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के तट के पास स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित अर्ध बैलिस्टिक मिसाइल, प्रलय का उपयोगकर्ता परीक्षण सफलतापूर्वक किया है। यह परीक्षण 28 और 29 जुलाई 2025 को किया गया। यह मिसाइल पृथ्वी-I मिसाइल की जगह लेगी और पारंपरिक आयुध ले जाएगी। यह मिसाइल भारतीय सेना की एक ऐसी सामरिक मिसाइल की आवश्यकता को पूरा करेगी जो दुश्मन के रडार और संचार प्रतिष्ठानों, कमान और नियंत्रण केंद्रों और अग्रिम हवाई अड्डों पर हमला करके उन्हें नष्ट कर सके। यह मिसाइल एक कैनिस्टरयुक्त सामरिक सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। इस मिसाइल को एक वाहन से प्रक्षेपित किया जा सकता है।