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भारत ने फिलिस्तीन मुद्दे पर UN के 'न्यूयॉर्क डिक्लेरेशन' का समर्थन किया

Written by ramkesh | Sep 16, 2025 12:00:00 AM

भारत सरकार ने फ्रांस द्वारा पेश किए गए संयुक्त राष्ट्र महासभा के 'न्यूयॉर्क घोषणापत्र' का समर्थन किया है। इसका उद्देश्य द्वि-राज्य समाधान के माध्यम से फ़िलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान करना है। फ्रांस द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव को 142 मतों के समर्थन, 10 मतों के विरोध और 12 मतों के बहिष्कार के साथ पारित कर दिया गया। विरोध करने वालों में इज़राइल, संयुक्त राज्य अमेरिका, अर्जेंटीना और हंगरी शामिल थे। नेताओं ने "गाजा में युद्ध समाप्त करने, दो-राज्य समाधान के प्रभावी कार्यान्वयन के आधार पर इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का न्यायसंगत, शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान प्राप्त करने और फिलिस्तीनियों, इजरायलियों और क्षेत्र के सभी लोगों के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए सामूहिक कार्रवाई करने पर सहमति व्यक्त की"। भारत ने वर्ष 1950 में इज़रायल को मान्यता दी थी लेकिन फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (PLO) को फिलिस्तीन के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में मान्यता देने वाला यह पहला गैर-अरब देश भी है। भारत वर्ष 1988 में फिलिस्तीन को राज्य का दर्जा देने वाले पहले देशों में से एक है। इज़रायल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष की नींव वर्ष 1917 में रखी गई थी जब तत्कालीन ब्रिटिश विदेश सचिव आर्थर जेम्स बॅल्फोर ने बॅल्फोर घोषणा के तहत फिलिस्तीन में यहूदियों के लिए "नेशनल होम" हेतु ब्रिटेन का आधिकारिक समर्थन व्यक्त किया था। संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन में स्वतंत्र यहूदी और अरब राज्य के निर्माण के लिए एक विभाजन योजना प्रस्तुत की, जिसे अधिकांश अरब देशों ने अस्वीकार कर दिया।