केरल में नाएग्लेरिया फॉवलेरी (Naegleria fowleri) यानी ब्रेन-ईटिंग अमीबा का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस महीने अब तक पाँच लोगों की जान जा चुकी है, जबकि दर्जनों मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। यह खतरनाक जीव गर्म और रुके हुए ताजे पानी जैसे तालाब, कुएं, नदियाँ और ठीक से क्लोरीन न किए गए स्विमिंग पूल में तेजी से पनपता है, संक्रमण तब होता है जब दूषित पानी तैराकी या नहाने के दौरान नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है। इसके बाद यह अमीबा सीधे दिमाग तक पहुँचकर प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) नामक बीमारी पैदा करता है। यह रोग बेहद घातक है और विश्व स्तर पर इसकी मृत्यु दर 97% से अधिक बताई जाती है। संक्रमण के लक्षण 1 से 9 दिनों के भीतर प्रकट होने लगते हैं, जिनमें तेज बुखार और उल्टी, भयंकर सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, मानसिक भ्रम, दौरे और बेहोशी शामिल हैं।